सोमवार, फ़रवरी 23, 2009

चख ले, हां चख ले, ये रात शहद है

"जय हो"

जीत का इससे बेहतर उदबोधन क्या होगा!

गुलज़ार साब की जीत, रहमान की जीत, गीत से जुड़े सभी लोगों की जीत, सभी सुनने वालॊं की जीत, हिन्दी फ़िल्म संगीत की जीत

हमें गर्व है गुलज़ार साब और रहमान पर..

आज गुलज़ार साब समारोह में नही थे, मगर ऑस्कर समारोह गुलज़ार हो गया!


जय हो!