ख़ुशबू.ए.गुलज़ार
पर्चियां बंट रही हैं गलियों मेंअपने क़ातिल का इन्तेख़ाब करोवक़्त ये सख़्त है चुनाव का !
वाह! क्या उम्दा चीज़ ढूंढ निकाली है आपने.एकदम सही है.
gulzar sahab ke paas har waqt ke liye kuch lafz mil hi jate hai..
kya baat hai
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3 टिप्पणियां:
वाह! क्या उम्दा चीज़ ढूंढ निकाली है आपने.
एकदम सही है.
gulzar sahab ke paas har waqt ke liye kuch lafz mil hi jate hai..
kya baat hai
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