सोमवार, फ़रवरी 23, 2009

चख ले, हां चख ले, ये रात शहद है

"जय हो"

जीत का इससे बेहतर उदबोधन क्या होगा!

गुलज़ार साब की जीत, रहमान की जीत, गीत से जुड़े सभी लोगों की जीत, सभी सुनने वालॊं की जीत, हिन्दी फ़िल्म संगीत की जीत

हमें गर्व है गुलज़ार साब और रहमान पर..

आज गुलज़ार साब समारोह में नही थे, मगर ऑस्कर समारोह गुलज़ार हो गया!


जय हो!

6 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

दिल गुलजार हो गया
बहुत बधाई

अनिल कान्त ने कहा…

गुलज़ार जी बहुत बेहतरीन हैं ...ये हम पहले से ही जानते हैं ...

मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति

बेनामी ने कहा…

Gulzar sir aur Rahman ko bahut bahut badhaai. really proud of them.

संगीता पुरी ने कहा…

सही कहा...जय हो...महा शिव रात्रि की बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं..

बेनामी ने कहा…

गुलज़ार साहब और रहमान साहब वाकई इस सम्मान के अधिकारी थे और हैं. एकदम सही निर्णय हुआ है.
बधाई!

रामकृष्ण गौतम ने कहा…

JAI HO... aLWAYS JAI HO!!