बुधवार, मार्च 11, 2009

होली के रंगों में एक रंग : Holi Mubaarak!

होली के रंगों में एक रंग और : गुलज़ार साब की एक त्रिवेणी जो आज के दैनिक भास्कर के होली विशेष में शामिल हुई है


ज़रा पैलेट सम्भालो रंगोबू का
मैं कैनवास आसमां का खोलता हूं

बनाओ फिर से सूरत आदमी की!


साथ में एक और रंग बोनस में.. ईद के चाँद पर होली का रंग!

जहां नुमा एक होटल है नां...
जहां नुमा के पीछे एक टी.वी. टॉवर है नां...
चाँद को उसके ऊपर चढ़ते देखा था कल!

होली का दिन था
मुंह पर सारे रंग लगे थे
थोड़ी देर में ऊपर चढ़ के
टांग पे टांग जमा के ऐसे बैठ गया था,
होली की खबरों में लोग उसे भी जैसे
अब टी.वी. पर देख रहे होंगे!!





Source : Dainik Bhaskar, March 10, 2009, Page 17 link

4 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

आनन्द आ गया गुलजार साहब को पढ़कर.

आपको होली की मुकारबाद एवं बहुत शुभकामनाऐं.
सादर
समीर लाल

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत सुंदर ... होली की ढेरो शुभकामनाएं।

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा ने कहा…

जी, गुलजार साहब तो जहां भी लिखते हैं वहां हम उन्हें ढूंढ ही लेते हैं। ये भी बहुत खूब लिखा है उन्होंने।

Pavan ने कहा…

गुलज़ारफ़ैन्स पे हेमन्त से पता चला कि ये जहांनुमा होटल भोपाल वाला हो सकता है और एक टी.वी. टॉवर भी उसके पीछे स्थित है...
सर से पूछा तो तो उन्होने बताया कि बिल्कुल ठीक फ़रमाया, ये भोपाल का ही मंज़र है.. ईद के चांद पर होली का रंग..